इन दिनों टेशु के फूलों की आई बहार।
पहले टेसू के फूल से खेला करते थे होली।
सैलाना। पहले लोग होली पर रासायनिक रंगो से दूर रहकर प्राकृतिक रंगों का भरपूर इस्तेमाल होली खेलने में करते थे। लोग होली के पूर्व टेसू (पलाश) के फूल से प्राकृतिक रंग तैयार करते थे ओर होली खेलते थे।बताया जाता है कि उस से चेहरे की स्किन व अन्य त्वचा पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता था। अब बाजार में रासायनिक रंग आने के कारण लोग टेसू के फूल को भूल ही गए ओर रंग-बिरंगे रंगो से होली खेलने लगे है।
जैसे ही मार्च का महीना आता है और पूरे क्षेत्र में टेसू के फूल की बाहर आ जाती हैं।
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