एसबीआई की सैलाना ब्रांच में नित नए नियमों से ग्राहक परेशान।
सैलाना - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की स्थानीय शाखा प्रबंधक नित नए कठोर नियमों का हवाला दे कर उपभोक्ताओं को परेशान करने में लगे हैं। क्षेत्र की सबसे बड़ी बैंक और ट्रेजरी ब्रांच होने से बड़ी संख्या में ग्राहकों का काम इस शाखा से पड़ता है। और शाखा प्रबंधक उन मामलों में भी सहयोग करने के मूड में नहीं रहते है जिनमें सहयोग करना उनके है में होता हैं।
*ताजा मामला स्टेटमेंट से संबंधित*
ताजा मामला खाता धारकों के स्टेटमेंट से सम्बन्धित हैं। कई बार खाता धारकों को अपने खाते का स्टेटमेंट निकलवाना होता हैं। उसकी जरूरत भी कभी कभी लग जाती हैं। परन्तु हाल ही में सैलाना के शाखा प्रबंधक स्टेटमेंट देने से भी इन्कार करने लगे हैं। आवेदन करने के बाद भी उन्हें स्टेटमेंट देने में दिक्कत हैं।
*अन्य बैंकों में जारी है,ये प्रथा*
उधर नईदुनिया प्रतिनिधि ने अन्य बैंकों में जब तलाश की तो बाकी सभी बैंकों में स्टेटमेंट देने में कोई रोक नहीं हैं। नगर में एसबीआई के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक भी राष्ट्रीयकृत बैंक हैं, जहां इस प्रकार की कोई परेशानी नहीं हैं। पूर्व में एसबीआई में भी ऐसी दिक्कत नहीं थी। वर्तमान शाखा प्रबंधक के आने के बाद कुछ माह से दिक्कते आना शुरू हुई। लगता हैं ग्राहकों की समस्या से इनका कोई ताल्लुक ही नहीं हैं।
*पूर्व में भी पेंशनरों को दी थी परेशानी*
ऐसा भी नहीं है कि स्टेटमेंट नहीं देने का ही ये इकलौता मामला ही परेशानी देने वाला हो। कुछ माह पूर्व इन साहब ने बुजुर्ग पेंशनधारकों से चार चार पांच पांच दशक पूर्व के पीपीओ मांगने शुरू किए थे। अपनी बीमारी और वृद्धावस्था से पूर्व से ही परेशान बुजुर्गों को परेशान करने में एसबीआई में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी।ये मामला जैसे तैसे निपटा और अब नया मामला सामने आ गया।उन्हे स्टेटमेंट देने से परहेज होने लगा।
*शाखा प्रबंधक का मत*
जिनके पास पासबुक हैं,वे प्रिंट करवा ले। आजकल मोबाइल के जमाने में सब चीजें मोबाइल पर ही आ जाती हैं। चूंकि स्टेटमेंट चार्ज काटने पर लोगो को आपत्ति होती है इसलिए स्टेटमेंट नहीं देते।
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